Posts

Showing posts from February, 2022

मेरी कलम न लिख पाएगी

Image
नायाब -- तेरे रूप की कायल हो चाहे दुनियां ये सारी लाख नशीली आंखें होंगी होगी बेजोड़ अदाकारी माफ करना दोस्त मेरे मेरी कलम लिख न पाएगी हुश्नो इश्क़ का वक्त नहीं है ये तराने देश के गाएगी जब मचा हो हर तरफ  चीत्कार ही चीत्कार हो रही हो मानवता छिन्न भिन्न और तार तार जब देश धर्म पर आए आंच लिखना होगा मुझको साँच चांद सितारों की बातें प्रेम प्रसंग की वो रातें हुश्न और इश्क़ पर  लफ्फाज कशीदा कारी माफ करना दोस्त मेरे मेरी कलम लिख न पाएगी मेरी ये अनमोल कलम बस गीत राष्ट्र के गाएगी ।

ghazal by manoj naayaab

Image
नायाब --

वाह क्या जबरदस्त बात कही है देखें वीडियो

Image
वाह कागज़ तो दिखाना होगा ये तो जबरदस्त था 

वीडियो देखें एक जोश भर देने वाली कविता

Image
सुनिए एक जोशीली कविता एडिटिंग नहीं आती सिर्फ कविता आती है ।

सुरों की देवी लता

Image
नायाब -- कहाँ ढूंढें तुम्हें सुरों की देवी बता नहीं देकर गई अपना कोई पता साज़ सहमे हुए नग्में खामोश है मौशिकी की है इसमें कैसी खता कूक कोयल की क्यों चुरा ले गई मौत पहले तूँ अपना इरादा जता अनाथ ग़ज़लें हुई गीत गूंगे हुए बसी हो भजनों में तुम दीदी लता गीत पे ग़ज़लों पे बोल भजनों पे सब पे एहसान है सुरों की देवी लता मनोज नायाब कवि-लेखक 9859913535

पेड़ और छांव

Image
 पेड़ वहीं   अड़े रहे  जड़ों के साथ   खड़े रहे   छांव दिन भर  चलती रही  धूप के इशारों पर  मचलती रही  हर पल आकार   बदलती रही  मगर फिर भी  एक सिरा पेड़ से  जुड़ा रहा   यही अपनापन है ।