लोक हित
शब्द का आधार है कलम कलम का आधार व्यक्ति ब्यक्ति विचारों का बिचार मन का और मन हृदय का हृदय इच्छाओं का इसीलिए लोभ वासना स्वार्थ कामना मुक्त हृदय संवेदनशील हृदय सृजन करता लोक हित के साहित्य का । मनोज नायाब
शब्द ताकत बड़ी हुए मत न जोर से न बोल बारिश में फसलां उगे नहीं बाढ़ को मोल सोच में रखो लोच तो जिंदगी में लोचा कम होगा । लेखक एक राष्ट्रवादी कवि है ।