Papa
पापा आप कुछ दिन मत जाओ न दुकान । आपसे ही तो है ये छत ये दीवारें ये मकान। मम्मी के श्रृंगार आप ही से सलामत है पापा । आप से ही है मम्मी के चेहरे की मुस्कान । ....... कुछ दिन मत जाओ न दुकान । पापा अब कभी खिलोने की ज़िद न करूंगी । न ही पिज़्ज़ा के लिए कभी करूंगी परेशान । .. ......कुछ दिन मत जाओ न दुकान । दो सुखी रोटी खा लुंगी नहीं चाहिए पकवान । बस आप सुरक्षित रहो पापा यही है अरमान । .......कुछ दिन मत जाओ न दुकान । जो मांगती हूँ वही ला देते हो आप पापा । घर के मंदिर के आप ही तो हो भगवान । ........कुछ दिन मत जाओ न दुकान । जानती हूँ आप रात रात भर सो नहीं पाते Emiके लिए बैंक वालों के रोज़ फ़ोन आते घर का किराया स्कूल की फीस कैसे दूंगा यही रहती है न टीस हम सब मिलकर लड़ेंगे हर मुसीबत से पापा । कभी कम न होने देंगे आपका आत्म सम्मान । .......कुछ दिन मत जाओ न दुकान । पापा आप के बिना तो अधूरी है हमारी दुनियां । बताओ आप के बिना कौन बुलाएगा मुझे मुनियाँ आप ही तो पूरे घर परिवार का अभिमान । .....कुछ दिन मत जाओ