कत्लखाना katlakhana
मची हुई बड़ी कत्लोगारत उधर जाना नहीं हलाक हमें भी होना था सो हमने माना नहीं बिना लाइसेंस के रोज़ क़त्ल करती है तेरी आँखों से बड़ा कत्लखाना नहीं । कोई कैसे होश संभाले तुम ही कहो इन होठों से बड़ा कोई मयखाना नहीं । अभी कई जिगर बाकी है क़त्ल होने को कुछ देर ठहर जाओ अभी जाना नहीं । डाल दो हथकड़ियां दिल-ए-नादां को तेरी ज़ुल्फ़ों सा हसीन कैदखाना नहीं । दर्द तुमसे राहतें भी तुम्ही से है "नायाब" तेरी मुस्कराहट सा कोई दवाखाना नहीं । "मनोज नायाब "