Kya ab bhi yaad hau
" क्या अब भी याद आता है " बचपन अब भी कहीं छुपा बैठा है मुझ में तुझ में हर एक में कहीं न कहीं । सच बताना क्या अब भी याद आता है स्कूल का बस्ता गद्दे पर फेंक कर दोस्तों के साथ नंगे पांव ही गलियों में क्रिकेट खेलना । सच बताना क्या अब भी याद आता है दोस्तों के साथ सारी रात vcr पर फिल्में देखना । सच बताना क्या अब भी याद आता है पिताजी की उंगली पकड़कर मौहल्ले की पुरानी सी नाई की दुकान पर बाल कटिंग करवाना । सच बताना क्या अब भी याद आता है सिनेमा हॉल के सामने खड़े होकर फिल्मों के पोस्टर देखना और फिल्मों की कहानी सुनाना । सच बताना क्या अब भी याद आता है मामाजी की दी हुई लाइट वाली घड़ी दोस्तों को दिखाकर रौब झाड़ना । सच बताना क्या अब भी याद आता है पड़ोस के कमलेश चाचा के बेटे के ससुराल से आई हुई 5 पीस मिठाई का बहन भाईयों में बांटना और झगड़ना । सच बताना क्या अब भी याद आता है कुल्फी वाले ठेले की घंटी की आवाज़ सुनकर माँ से 2 रुपए की जिद्द करना । सच बताना क्या अब भी याद आता है बड़े भाई की छोटी हो चुकी पैंट न पहनने की जिद्द करना सच बताना क्या अब भी याद आत