क्या रखा है
ज़रा डूब कर देख किताबों में शराब में क्या रखा है । रिश्ता तो रूह से होना चाहिए शबाब में क्या रखा है जाग कर ही हासिल होगा कुछ ख्वाब में क्या रखा है । अंधेरा मिटाने को ज़हनियत चाहिए आफताब में क्या रखा है । जैसी हो तुम्ही ठीक हो, शक्ल बदलते महताब में क्या रखा है । ये चमक कहाँ से आई चांद नुमा, देखें नकाब में क्या रखा है । तवज़्ज़ो उनके जज़्बात को दे क़ारी नायाब में क्या रखा है । मनोज नायाब--: