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Showing posts from June, 2021

छंद

हमारे प्रिय छंद :  1: अनुष्टुप छंद ( 3  प्रकार के वर्णिक ) 2: आनंद छंद  3: आनंद छंद 4: गायत्री छंद (5 प्रकार के) 5: तारक  6: रेवा  7: दोहा (21 प्रकार के) 8: ताटंक छंद 9: शोकहर छंद 10: लावणी ( लावनी छंद) 11: कुकुभ  12: मनहरण घनाक्षरी   13: रूप घनाक्षरी 14: देव घनाक्षरी आदि 15: रुबाई 21 प्रकार की 16: गीतिका  17: नवगीतकार 18: हरितालिका  19: हरिगीतिका छंद 20: दोहाकीय  21/111 :::सवैया छंद (35 प्रकार के ) 

दोस्त जो चले गए

कोरोना ने कितनी जिंदगियां छीन ली मेरे मोबाइल में जाने कितने नंबर  अब ऐसे ही पड़े हैं  जिनको डिलीट करू या रहने दु  समझ नही पा रहा हूँ जिन नंबरों से रोज़ आया करते थे कभी सलाम कभी दुआ  जाने अब क्या उन्हें हुआ न उधर से कोई जवाब आता है न इधर का कोई मज़मून जाता है वो कितनी दूर चले गए कि जहां पर रिश्ते नातों के टावर भी नहीं है । तुम्हारी हंसती मुस्कुराती dp  तुम्हारे भेजे हुए वो पुराने message अब भी सहेज कर रखे हैं मित्र आ जाओ यार लौट कर अब दोस्तों की महफिलें सुनी कर गया  तू तो धोखेबाज निकला रे तेरी बारी थी न वो चाय पार्टी भी नहीं दी तुमने डायल किया गया नंबर हमारी ज़िंदगी की पहुंच से बहुत दूर है काश  इतना भर ही कह दे कोई की की i will call you later तो कयामत तक इंतजार कर लेते बस ये नंबर उन्ही  खोए हुए दोस्तों के  होने का एहसास है तुम चले गए दोस्त  बस छोड़ गए ये मोबाइल नंबर अपना फेसबुक एकाउंट कुछ पुरानी जन्मदिन की  केक काटती तस्वीरें कुछ कमैंट्स और अनगिनत लाइक्स बस यही है खजाना मेरे पास तुम्हारी यादों के रूप में । मनोज नायाब

राधा हो जाऊं

यादों में चांद सा जल कर आधा हो जाऊं । जो दिल करे रोने का तो मैं कांधा हो जाऊं । जमना के तट पर फिर खिले प्रेम के पुष्प । दिल करता है आज इश्क़ में राधा हो जाऊं । चालाकियां मक्कारियाँ सब करके देखा मैंने । अच्छा यही होगा इंसा सीधा साधा हो जाऊं ।