Bikaner
आखर शौर्य वीरता र तू पढ़ खड्यो शान स्यु म्हारो जूनागढ़ । भले जेब में पैसा कम होवे पर उत्तर देवं हाथ रो । स्वर्ग द्वार से कम नहीं म्हारो मिन्दर लिखमी रे नाथ रो । जै कोई कोसे म्हारे शहर ने करदया एक मिनट में राफड़ । जठै निपजे सांगरी और केर बोल्टयाँ में लागे मीठा बेर । जठै रा मिनख है बब्बर शेर एसो प्यारो म्हारो बीकानेर । आज भी गावे है संस्कृति री टेर मन रा ऊजला कोई हेर न फेर । दियाळी रा दिया र होली री गेर कह " नायाब " सुनो थे सगला । एसो प्यारो म्हारो बीकानेर । मनोज " नायाब " बीकानेर स्थापना दिवस की बधाइयां ।