ज़रा डूब कर देख किताबों में शराब में क्या रखा है । रूह से रिश्ता होना चाहिए शबाब में क्या रखा है जाग कर ही हासिल होगा कुछ ख्वाब में क्या रखा है । अंधेरा मिटाने को ज़हनियत चाहिए आफताब में क्या रखा है । जैसी हो तुम्ही ठीक हो, शक्ल बदलते महताब में क्या रखा है । सवालों का अपना ही मज़ा है जवाब में क्या रखा है । ये रोशनी कहाँ से आई चांद नुमा, देखें नकाब में क्या रखा है । तवज़्ज़ो उसके जज़्बात को दिया कर नायाब में क्या रखा है ।