अंतिम सत्य

अंतिम सत्य-

अभी बहुत समय  पड़ा है 
यही  वहम सबसे  बड़ा है 
और करूंगा अभी  संचय
इसी बात पर क्यों अड़ा है
तुमको  दिखता  नहीं भले
ये काल मुंह बाए  खड़ा है 
एक पल में बिखर जाएगा
ये जीवन मिट्टी का घड़ा है

मनोज नायाब ✍️

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