हौसलों की नाव है
नायाब --
बून्द का धरा पर गिर कर छिटकना
बिखराव नहीं ये फैलाव है ।
सुखी घास का जलना सर्द रातों में
आग नहीं ये तो अलाव है ।
रिसता हुआ लहू देख ज़रा
ये कोई चोट नहीं बल्कि घाव है
मुसीबतों का ज़लज़ला भी पस्त हो गया
हमारे पास भी हौसलों की नाव है
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