हिसाब

मेरी टूटी हुई हर आस  का हिसाब  देना होगा

खाली बीते हर मधुमास का हिसाब देना होगा


दिल ए कब्रगाह में है अरमानों की लाशें 

हर उस लाश का हिसाब देना होगा ।


दिल की गहराईयों में धंसी हुई 

हर एक फांस का हिसाब देना होगा ।


तेरे मुस्कुराने भर से जो रुक गई थी 

तुझे हर उस सांस का हिसाब देना होगा ।


नायाब --




Comments

Popular posts from this blog

हां हिन्दू हूँ

13 का पहाड़ा

यहाँ थूकना मना है yahan thukna mana hai