कोई मुझको पास चाहिए
जिऊँ अकेले कैसे अब मैं
कोई मुझको पास चाहिए
सुख दुख अपने बांट सकूं में
कोई ऐसा खास चाहिए ।
कृष्ण नाम का नीर मिलेगा
पर राधा जैसी प्यास चाहिए ।
मिलती है संपदा, राम नाम की
पर भीलनी जैसी आस चाहिए ।
गिरधर सा खज़ाना भी मिलता है,
पर मीरा जैसी तलाश चाहिए ।
सिया राम भी मिल सकते हैं
पर हनुमत जैसा दास चाहिए ।
प्रीत के पंछी भी आएंगे
पर हृदय में भी तो मधुमास चाहिए
इतना गाम्भीर्य ठीक नहीं जीवन में
थोड़ा हास परिहास चाहिए ।
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