सुनो ए सूर्य
सुनो के सूरज
तुमको पंहुचा दिया हमने
आसमान के पटल पर
अब मेरे हिस्से की धूप
मेरे घर के आंगन तक
पूरी पूरी पहुंचनी चाहिए
और सुनो पिछले सूर्य के जैसे
बादलों को मत सौंप देना
वो आधी आधी धूप
रास्ते में ही चुरा लेते है
और हमारे आंगन का
अंधेरा मिट ही नहीं पाता
वर्ना हमें फिर 5 साल बाद
सूर्य बदलना पड़ेगा ।
मनोज नायाब-:
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