हिसाब देना होगा
दुनियां पूछेगी मुस्कुराने की वजह
तो जवाब देना होगा ।
दिल को बहलाने के लिए दिल को
कोई झूठा ख्वाब देना होगा ।
दिल ए कब्रगाह में अरमानों की लाशें
तुझे हर उस लाश का हिसाब देना होगा ।
दिल की गहराईयों में धंसी हुई
तुझे हर एक फांस का हिसाब देना होगा ।
तेरे मुस्कुराने भर से जो रुक गई थी
रुकी हुई हर सांस का हिसाब देना होगा ।
मनोज नायाब --
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