अब मैं ज़मीन नही रहा

तसल्ली इस बात की है 
की मैं आसमान हूँ ।

अफसोस ये की 
अब मैं ज़मीन नहीं रहा ।

मैं हर जगह हूँ इसीलिए
शायद कहीं का नही रहा ।

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