चांद काँपा हुआहै
ये तो गनीमत है चेहरा उनका
चिलमन से ढांपा हुआ है ।
बस एक नज़र देख कर ही
चांद कितना काँपा हुआ है ।
एक नज़र देखकर ही चांद काँपा हुआ है ।
गनीमत है चेहरा ज़ुल्फ़ों से ढांपा हुआ है ।
तुम्हारी यादें बेच कर आया हूँ
देखें इश्क़ मैं कितना मुनाफा हुआ है ।
भूखे प्यासे हर्फ़ रखे हैं खत में
तब वज़्न में हल्का लिफाफा हुआ है।
हमने दावा चांद पर किया ही नहीं
क्यों सितारों में इतना सियापा हुआ है ।
मनोज नायाब
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