mujhe kyu jalaya 1

मुझे क्यों जलाया ??


बहुत पुकारा मैंने 
किसी ने सुनी नहीं मेरी आवाज़
शायद सब सो रहे थे
हमेशा की तरह
या फिर बिगबॉस देख रहे होंगे
अपने अपने घर पर
कई अंकल गुजरे उधर से
मगर उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी
वो दुर्गा मंदिर में जो रोज़
माता को चुनरी ओढ़ाते हैं
वो हरीश अंकल भी गुजरे
नवरात्रा पर नवकन्या पूजन करने
वाले वो शर्मा अंकल भी गुजरे
सबने देखा 
मगर कोई रुका नहीं
बल्कि रफ्तार और बढ़ा ली
शायद उनको इससे भी ज्यादा 
जरूरी काम थे ।
मैं जब जल रही थी
चीख रही थी
वो चारों ठहाके लगा रहे थे
बिल्कुल इंसान जैसे दिख रहे थे
पर इंसान नहीं थे ।
इंसान का मतलब 
इंसान जैसा दिखना नहीं
बल्कि इंसान जैसा सोचना
भी होता है ।

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