पिता #pita# FATHER

पिता पर कविता

जिससे खुशहाल घर का कोना कोना है
बड़ा मुश्किल दुनियाँ में पिता होना है ।

मुश्किलों में भी जिसको नहीं रोना है ।
बड़ा मुश्किल दुनियाँ में पिता होना है ।

थककर सवार हो जाते थे उसके कंधों पर
नींद जो लगे तो पेट उसका बिछौना है ।
बड़ा मुश्किल दुनियाँ में पिता होना है

निराशा के बाद भी चेहरे पे हंसी संजोना है
बड़ा मुश्किल दुनियां में पिता होना है

तुम तो बस ज़िद पे आ जाते हो कई बार
कर्ज करके भी बच्चों की ख्वाहिशों का पूरा होना है
बड़ा मुश्किल दुनियां में पिता होना है ।

कैसा पत्थर सा दिल बनाया ईश्वर ने इसका
खुद के लिए कोई ख्वाब नहीं संजोना है  ।
बड़ा मुश्किल दुनियां में पिता होना है ।

ये बच्चे क्या जानते है कहाँ से आती है रोटी
तिल तिल कर खून का पसीना होना है
बड़ा मुश्किल दुनियां में पिता होना है

घर पर उजाला रहता है कैसे तुम क्या जानों
बाती की तरह जल जल कर राख होना है
बड़ा मुश्किल दुनियां में पिता होना है ।

साहूकारों के एहसान तले है दबा
जिसकी पगड़ी का कोना कोना है
बड़ा मुश्किल दुनियां में पिता होना है ।

तुम जो दावत उड़ाए हो उसकी बिटिया की शादी में
गिरवी उस पिता के घर का कोना कोना है ।
बड़ा मुश्किल दुनियां में पिता होना है ।

मनोज नायाब






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