तुम कहो तो भरी दोपहरी में
पूनम का चांद दिखला दूं ।

बून्द भर ज़िंदगी में समंदर भर
इश्क करना सिखला दूं ।

आ कभी आ मेरी आगोश में
तुझे अपनी सांसो से पिघला दूं ।


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