तुम कहो तो भरी दोपहरी में
पूनम का चांद दिखला दूं ।
बून्द भर ज़िंदगी में समंदर भर
इश्क करना सिखला दूं ।
आ कभी आ मेरी आगोश में
तुझे अपनी सांसो से पिघला दूं ।
पूनम का चांद दिखला दूं ।
बून्द भर ज़िंदगी में समंदर भर
इश्क करना सिखला दूं ।
आ कभी आ मेरी आगोश में
तुझे अपनी सांसो से पिघला दूं ।
Comments
Post a Comment
Pls read and share your views on
manojnaayaab@gmail.com