चांद के आंखों की कोर से कुछ काजल तर्जनी से कुरेद कर तुम्हे बुरी नज़र से बचाने के लिए लाया हूँ आजकल उपवन में फूल अक्सर तुम्हारा ज़िक्र किया करते हैं जलते हैं । वो उस कोने पे गुलाब के दोनों पौधे तुम्हारे जाने के बाद कानाफूसी किया करते हैं । मैंने फूलों को ये चुनौती दे डाली की देखते है उनके आने के बाद ये भंवरे किधर जाते हैं ।

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