जीवन का सार

इक्की दुक्की मुस्कान, पर आंसू हज़ार हज़ार है ।
जिंदगी सूत भर सलामत,  बाकी तार तार है ।

अंजलि भर सुमन है , और झोली भर खार है ।
हज़ार मुट्ठी नफरत है, तो एक चुटकी प्यार है ।

हंसना बूंद भर है, मगर रोना ज़ार ज़ार है ।
जीत क्षण भर की है, सदियों तक हार ही हार है ।

पाना तो कभी कभी है, पर खोना बार बार है ।
खुशियाँ बहुत कम है, पर ग़म यारों बेशुमार है ।

सफ़र बड़ा लंबा है, जाना उस पार से उस पर है ।
सब मिलकर काटो ये सफ़र, यही जीवन का सार है ।

"मनोज नायाब"

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