आधे रास्ते से लौटकर आया हूँ
मौत से कुछ लम्हे
उधार मांगकर लाया हूँ
बस तेरी कुछ मुस्कुराहटें
साथ ले जाना चाहता हूँ
खुदा को भेंट कर दूंगा
तो माफ़ कर देगा
वो मेरे सारे गुनाह
"मनोज नायाब "
मौत से कुछ लम्हे
उधार मांगकर लाया हूँ
बस तेरी कुछ मुस्कुराहटें
साथ ले जाना चाहता हूँ
खुदा को भेंट कर दूंगा
तो माफ़ कर देगा
वो मेरे सारे गुनाह
"मनोज नायाब "
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