साँसों का किरदार

मैं हवा के हर एक
उस क़तरे को
कर दूंगा आगाह
जिन्हें मिलेगा निभाने का
तेरी साँसों का किरदार
की मिलकर आए धड़कनों से
की लेते भी हैं की नहीं
नाम हमारा
लौटते वक्त बताएं मुझे
कु तसव्वुर में उनके
घुला हुआ है की नहीं
रंग मेरा
मैं तेरी हर
लौटती सांस से
पूछ लूंगा
हाल ए दिल तमाम
मेरी निगाह में
बड़े फनकार है
वो हवा की क़तरे
जिन्हें मिला
तेरी सांस का किरदार ।
अब सोचता हूँ की
काश मैं भी ......

" मनोज नायाब "

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