dil ki maszid दिल की मस्ज़िद


दिल की मस्ज़िद में
हर रोज़ होता है
यादों का सज़दा
एक नमाज़ी ऐसा भी
जो गैर हाज़िर होकर भी
लगा जाता है हर रोज़
यादों में हाज़िरी


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