ek parinda. एक परिंदा
किसी ने देखा क्या मेरे बच्चों को
यहीं तो छोड़कर गया था
मैँ कुछ देर पहले
एक परिंदा बदहवास सा ढूंढ रहा
अपना घोंसला
यहाँ हुआ करता था एक बूढ़ा शज़र ।
जाने किसने काट डाला
कहाँ होंगे कैसे होंगे
अभी ठीक से उड़ना भी नहीं आया था
उनको ।
"मनोज नायाब"
Comments
Post a Comment
Pls read and share your views on
manojnaayaab@gmail.com