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तुझे कागज़ तो दिखाना होगा

या तो यहां से जाना होगा या तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । जो यहीं के हो तो यहीं रहो  गर लांघ कर सरहद आए हो  तो बिस्तर बांध के जाना होगा तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । हां तुझको दिखलाना होगा कागज़ तुझको दिखलाना होगा जो हम वतन हो तो दिल में बिठाएंगे साथ बैठ कर तुम्हारे सेवईयां भी खाएंगे रात के अंधेरों में छुपकर आने वाला बता वापिस कब रवाना होगा तुझे कागज़ तो दिखाना होगा दिखाना होगा दिखाना होगा दिखाना होगा तुझको कागज़ तो दिखाना होगा म चंद कीड़ों को निकालने के लिए बीनने पड़ते हैं चावल सभी हमारे भात में कंकर बनने वालों  सरहद पार तेरा ठीकाना होगा । तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । जो देश के रंग में रंग न सका तो रंगरेज़ कैसा धरा को मां कहने में इतना परहेज कैसा अब तो वंदे मातरम भी गाना होगा तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । जाने कितने भीतर तक  अम्न को तुमने कुतरा है । भाईचारे की दरियादिली का नशा  अब जाकर हमें भी उतरा है । देश को टुकड़ों में बांटने वालों को अब तो सबक सिखलाना होगा तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । जब गुलिस्तां को उजाड़ रहे थे सफेद लिबास वाले भेड़िये नायाब तब हम मौन नहीं थे । अपने बच्चों को हम...

बच्चों के विवाह से माता पिता की गायब होती भूमिका

बच्चों के विवाह में गायब होती जा रही माता पिता की भूमिका   मनोज चांडक "नायाब " ✍️    एक समय था जब बच्चों की शादी कब करनी है किसके साथ करनी है यह निर्णय माता पिता लेते थे उनके निर्णय में जीवन भर के अनुभव की डिग्री होती थी लोगों के पहचान की गहरी ट्रेनिंग होती थी सामाजिक सम्बन्ध उनके लिए सूचना प्राप्ति का सशक्त माध्यम होता था । उनके द्वारा स्थापित किये गए रिश्तों की इमारत टिकाऊ और मजबूत होती थी मगर समय तेजी से बदलता गया और इस पूरी व्यवस्था में परिवर्तन आता गया ।  अब माता पिता सिर्फ इन्फॉर्म और कन्विन्स किये जाते हैं निर्णय बच्चे स्वंय ले लेते हैं इस पूरी व्यवस्था परिवर्तन के कई पहलू है कुछ सकारात्मक कुछ नकारात्मक  सिर्फ माता पिता के नज़रिए से सोचेंगें तो यह दकियानूसी और पुरानी सोच का प्रतीक हो सकती है और यदि बच्चों के नज़रिए से ही सोचेंगें तो यह माता पिता के अनुभवों की अधिकारों की अवेहलना करना हो जाएगा । मगर पहले यह समझते हैं की यह परिवर्तन कब कब कैसे कैसे आया ज़रा इसको समझते हैं  ध्यान से व्यवस्था परिवर्तन की इस प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से  समझिए यह ...

सांप

बेशक चंमडी गोरी है मगर दिल के ये बड़े ही काले है कितना जलना पड़ा सूरज को तब जाकर ये उजाले हैं और तुम मुझे क्या डर दिखाते हो ज़हर का दोस्त मैंने अपनी आस्तीन में तुम जैसे कई सांप पाले हैं

साथ तुमने दिया है ( गीत)

मुझको मिल ही गया है ये सौदा खरा इस दुनियां के झूठे बाजार में जीत में तो सभीही देते मगर साथ तुमने दिया है मेरी हार में जो मैं कह न सका था तुझसे कभी तुझको कह दूंगा मैं बात ही बात में कितनी हसरत है ये ए मेरे हमसफर मांगों न लिफ्ट तुम कभी बरसात में बैठकर प्यार से फ्रंट की सीट पर करना इज़हार तुम फिर मेरी कार में जीत में तो सभीही देते मगर साथ तुमने दिया है मेरी हार में

पहलगांव

ये बैठक बैठक खेलेंगे निंदाओं के भाषण पेलेंगें नकली दौड़ भाग करेंगें फिर अफसर को फटकारेंगें कोई पाक को ध्वस्त करो इज़राइल सा बंदोबस्त करो ये काम ज़रा जोखिम के है मोदी तुमसे न हो पाएंगे  तुम लौटो अपने गुजरात हम योगी को दिल्ली लाएंगे  तेरे भरोसे मोदी हम अब कितनी चिता जलाएंगे  बैठ के ac कमरों में ये चाय समोसे खाएंगें भारत माता की बेटी के कितने सिंदूर मिटाएंगे बिन बदले आए तो 29 में फिर pm बदले जाएंगें  बोलो कितने और दिनों तक  शांति की बांसुरी बजाओगे ये शिशुपाल की सौवीं गाली है कब चक्र सुदर्शन चलाओगे । नहीं चाह रहे फिर हूरों की  तुम इन कुत्तों का वो हाल करो लहू चाहिए दुश्मन का झेलम का पानी लाल करो ऋषि कश्यप के काश्मीर की  केसर की क्यारी मुरझाई है बारूदी दुर्गंध फ़िज़ा में  बंद करो अब भाई भाई खुल कर अब तो बोलो तुम  नहीं जरूरत पर्दों की कश्मीर जल रहा फिर भी मौन क्या कौम है ये नामर्दों की  🔥🔥मनोज नायाब ✍️

मुगलिया इतिहास

ये सुंदर विश्लेषण जानकारी हिंदू समाज तक पहुंचना अनिवार्य है! हर वर्ग और समाज में वीरों की गाथाओं को बताकर उन्हें गर्व की अनुभूति करानी चाहिए! खोयी हुई, या गायब की हुई इतिहास की एक झलक* 622 ई से लेकर 634 ई तक मात्र 12 वर्ष में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने तलवार से जबरदस्ती मुसलमान बना दिया! (मक्का में महादेव काबळेश्वर (काबा) को छोड कर!) 634 ईस्वी से लेकर 651 तक, यानी मात्र 16 वर्ष में सभी पारसियों को तलवार की नोंक पर जबरदस्ती मुसलमान बना दिया! 640 में मिस्र में पहली बार इस्लाम ने पांव रखे, और देखते ही देखते मात्र 15 वर्ष में, 655 तक इजिप्ट के लगभग सभी लोग जबरदस्ती मुसलमान बना दिये गए! नार्थ अफ्रीकन देश जैसे अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को आदि देशों को 640 से 711 ई तक पूर्ण रूप से इस्लाम धर्म में जबरदस्ती बदल दिया गया! 3 देशों का सम्पूर्ण सुख चैन जबरदस्ती छीन लेने में मुसलमानो ने मात्र 71 वर्ष लगाए! 711 ईस्वी में स्पेन पर आक्रमण हुआ, 730 ईस्वी तक स्पेन की 70% आबादी मुसलमान थी! मात्र 19 वर्ष में तुर्क थोड़े से वीर निकले, तुर्कों के विरुद्ध जिहाद 651 ईस्वी में आरंभ हुआ, और 751 ईस्व...

कबीले

जो हिमालय सी चट्टान  हुआ करते थे कभी        वो रेत के टीले हो गए हैं  । जो गुजरते थे एक साथ हुजूम में कभी उनमें अब      अलग अलग कबीले हो गए हैं । जरूर कोई दीमक बन कर घुसा है दोस्तों की फसल में       हरे पत्ते अब पीले हो गए हैं ।

मर्ज़ी का सच

ऐसा भी नहीं हर जगह सच की शहादत हो रही है । ऐसा भी नहीं  कि झूठ की कोई इबादत हो रही है । सुनो सच आज भी बोले जा रहे हैं गाहे बगाहे मगर  हमें बस मर्ज़ी का सच सुनने की आदत हो रही है ।।