भगवा
काशी मथुरा करो हवाले वर्ना बलवा कर देंगे बाबा के भजनों पर नाचेगा बाबर भी ऐसा जलवा कर देंगे केसरिया रंग उड़ेगा ऐसे की हम फगवा फगवा कर देंगे
शब्द ताकत बड़ी हुए मत न जोर से न बोल बारिश में फसलां उगे नहीं बाढ़ को मोल सोच में रखो लोच तो जिंदगी में लोचा कम होगा । लेखक एक राष्ट्रवादी कवि है ।