ज़माने में
सच बोलने से होता है बड़ा नुकसान ज़माने में
झूठ बोलकर जीना है बड़ा आसान ज़माने में
ज़रा सी तकलीफों से टूटना ठीक नहीं है
तुमसे ज्यादा भी तो है परेशान ज़माने में
अपनी ऊंचाइयों पर इतना गुरुर मत कर
एक तुम ही नहीं हो आसमान ज़माने में
ये बात अलग है लोग भूल जाते हो मां बाप को
मगर चुका न पाया कोई उनके एहसान ज़माने में
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