भगवा
करोड़ों है मगर एक सांस भी न खरीद पाएंगें ।
रुतबे ओहदे नाम सारे धरे के धरे रह जाएंगे ।
न जाने कितनों का दिल जलाया है होगा तुमने
सोच एक दिन तेरे अपने ही तुझको जलाएंगे ।
टूट जाएगा भरम रिश्तों का जब उनके वकील
मौत के बाद भी तुम्हारा अंगूठा लेने आएंगें ।
कभी भूखे को जो नहीं खिलाया कुछ तो फिर
रोटी एक वक्त और चार दवा तीन वक्त खाएंगें ।
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