बटेंगे तो कटेंगें

सभी सनातनी बस यही बात रटेगें

जातियों में बंटेंगे तो फिर हम कटेंगें 


जातियों में छंटेगें तो आपस में बंटेंगे 

आपस में बंटेंगे तो गिनती में घटेंगे 

अब तो संभल जाओ मेरे सनातनियों

गिनती में घटेंगे तो फिर सारे कटेंगें 

बंटेंगे तो कटेंगे - बंटेंगे तो कटेंगे ।


हमला हो रहा रोज़ तुम पर चहुं ओर

हिंदुओं के भेष में है कितने हरामखोर

कब तक सहोगे क्यों नही मचाते शोर

आंख में अंगार भर पोंछ आंसुओं की कोर



अब नहीं लुटेंगें अब नहीं पिटेंगे

धर्म बचाने हम मिलकर डटेंगें

कटेंगें तो बटेंगे कटेंगें तो बटेंगे 


ताकत में हम ही सबसे बड़े थे

राजा राजवाड़े सभी आपस में लड़े थे

तुमसे हूँ बलशाली इसी बात पर अड़े थे

मौके की तलाश में सारे दुश्मन खड़े थे

चाहे हो मराठा तुम चाहे राजपूत हो

सारे के सारे तो माँ भारती के सूत हो

चहुं ओर देखो ये शिकारी बड़े आए हैं

तुमको फंसाने कैसे जाल बिछाएं है  


पहले जैसी भूल अब फिर नहीं करेंगे 

अब नहीं लुटेंगें अब नहीं पिटेंगे

बटेंगे तो कटेंगें बटेंगे तो कटेंगें 



ये जॉर्ज सोरोश की दत्तक औलाद हैं 
कहो उनसे हम सनातनी फौलाद है

वो जो घुसपैठियों से रखती ममताएँ है
बतला दो उनको हममें अनंत क्षमताएं हैं

वो जो यदुवंशियों के कुल में जन्मा है
वोटों के लिए जो रोज़ पढ़ता कलमा है
अब्दुल बाप और मां जिसकी सलमा है


जाग उठा है हिन्दू अब प्रतिकार करेगा
तुम एक करोगे तो ये सौ वार करेगा

जवाब देने से अब हरगिज़ न डटेंगें 
बंटेंगे तो कटेंगें बंटेंगे तो कटेंगें ।

बहुत हो चुका है अब हम नहीं बंटेंगे 

अब नहीं बटेंगे अब नहीं बटेंगे 

अब नहीं बटेंगे अब नहीं कटेंगें

जातियों में बंटेंगे तो फिर सारे कटेंगें

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