बोलते आखर

Monday, September 9, 2024

लतीफे चाहिए

जो अस्मत बचा न सके उनके अब इस्तीफे चाहिए

खुद ही हालात से लड़ लेंगें नहीं हमें खलीफे चाहिए


उनकी की शान ओ शौकत इसलिए बंद हो

क्योंकि अब हमारे बच्चों को भी वजीफे चाहिए


वो बचपन था जब हंस हंस के पेट दुख जाता था 

अब तो मुस्कुराने के लिए भी लतीफे चाहिए

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