मुबारक हो तुमको
यह पहला साल
आज बताती हूँ कैसी हो
एक लड़की की चाल
धरती ने लगा लिया
आज पूरा एक चक्कर
तुझे भी देनी है ए लड़की
उस सूर्य को टक्कर
सुन प्यारी गुड़िया
इस वंश की औलाद हो
भले तुम कोमल हो
मगर इरादे फौलाद हो
पलकों तले तुम भले
सपने हज़ार रखना
सर उठा के जीना हो तो
आंखों में अंगार रखना
छोटा या बड़ा
कोई सा प्रकल्प हो
दृढ़ मगर तुम्हारा
हर संकल्प हो
नहीं टूटने पाए
स्वयं का आत्म सम्मान
मगर कम न हो
कभी परिवार का मान
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