Tuesday, November 21, 2023

आखिरी बार

इन बैलों के पीठ पर 
आखिरी बार हाथ फिरा रहा हूँ 
पुरखों की इस माटी पर
ये आखिरी फसल होगी
आखिरी बार इस जमीन 
पर बैठकर प्याज़ के साथ 
रोटी खा रहा हूँ मैं
कुदाल ये फावड़ा ये हल
क्या करूँगा इनका कल
इस माटी पर मेरे पसीने 
की आखिरी बून्द है ये क्योंकि
अगले वर्ष बिटिया की शादी है
और खेत बेचना पड़ेगा ।

मनोज नायाब:-

3 comments:

  1. अगले वर्ष बिटिया की शादी है
    और खेत बेचना पड़ेगा ।
    शानदार

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  2. मार्मिक श्रृजन।

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  3. आपका धन्यवाद
    Rupa singh ji
    Yashoda agrawal ji

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