उतारो इन्हें
दस्ताने पहन कर
हथेलियों की गर्माहट
कैसे महसूस करोगे
सुनों ना
दस्ताने जैसे
जिस्म वाले रिश्ते नहीं
चाहिए मुझे
मुझे तो रिश्ते
रूहानी चाहिए
हथेलियां से
हथेलियों का
आलिंगन
लरजती उंगलियों
को बाहें बनाकर
उनमें भर लेना
बस इसीलिए मुझे
रिश्ते रूहानी चाहिए ।
मुझसे मिलने आओ
तो अपना जिस्म
उतार कर
आया करो ।
एक बात और
तुम जब जिस्म
के साथ आते हो
तो लौटते वक्त
उसे साथ ले जाते हो
मगर रूह के साथ
आते हो तो उसे
यहीं छोड़ कर
जा सकते हो
इसीलिए मुझे
रिश्ते रूहानी चाहिए
सुनों अबकी बार
सिर्फ जिस्म लेकर आऊंगा
तुम्हे उसमें
भरकर
साथ ले जाऊंगा
जब खुद को यहीं छोड़कर
जाता हूँ
तो वहां
कितना अकेला
हो जाता हूँ
इसलिए इस दफा
जिस्म के खोल में
तुम्हारी रूह
भरकर
ले जाऊंगा ।
इसीलिए मुझे रिश्ते रूहानी
चाहिए
रूह के छूने पर
छुअन लगती है
जिस्म के छूने से
चुभन
इतना ही नहीं
रूह पानी है
प्यास बुझाती है
और जिस्म
धूप है प्यास
बढ़ाती है
इसीलिए मुझे रिश्ते
रूहानी चाहिए
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