सोच में रखो लोच तो जिंदगी में लोचा कम होगा । लेखक एक राष्ट्रवादी कवि है ।राजनीति#धर्म#रिश्ते#प्रेम#राष्ट्रवाद# आदि
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थोड़ा तिरछा है थोड़ा आड़ा प्यार तुम्हारा 13 का पहाड़ा ना भूलूँ ना पूरा ये याद रहे कोई पूछे न ये फरियाद रहे ज़िक्र आए जब जब भी तेरा जमें जुबां ज्यों पौष का जाड़ा थोड़ा तिरछा है थोड़ा आड़ा प्यार तुम्हारा 13 का पहाड़ा जीवन के अंक गणित का सबसे मुश्किल पाठ हो तुम न खोल सका कभी मैं पूरा इतनी मुश्किल गांठ हो तुम कभी एक दिन होकर मायूस दिल की कॉपी का पन्ना फाड़ा थोड़ा तिरछा है थोड़ा आड़ा प्यार तुम्हारा 13 का पहाड़ा
मैं हिन्दू हूँ रील देखते देखते बोर हो जाता हूँ तो बीच बीच में सोफे पर बैठा बैठा चाय की चुस्कियों के साथ पड़ोसी मुल्क के जलते मंदिरों इज़्ज़त लुटती स्त्रियों की खबर देखता रहता हूँ और अफसोस ज़ाहिर कर देता हूँ फिर देखता हूँ बिगबॉस का नया एपिसोड, अब छोड़ो भी यार चिल करो ब्रो नायाब तुम भी न बेकार ही इन सब बातों पर सर खपाते हो कुछ मीना ओ सागर शराब और शबाब पर यार सुनाओ कोई शेर खालिस उर्दू में सरकार देख लेगी ये सब हमें क्या करना है ये सब तो चलता रहता है यही है हश्र गहरी नींद में सोई हुई सेक्युलर कौम का पहचान तो गए होंगें मैं कौन हूँ जी हां सही पकड़े आत्ममुग्धता का हिमालय हूँ अतिआत्मविश्वाश का सिंधु हूँ मैं मूर्खता का चरम बिंदु हूँ लुटता पिटता हिन्दू हूँ । हां हिन्दू हूँ मैं हिन्दू हूँ । मनोज नायाब -:✍️
तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । जो यहीं के हो तो यहीं रहो गर लांघ कर सरहद आए हो तो बिस्तर बांध के जाना होगा तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । जो हम वतन हो तो दिल में बिठाएंगे साथ बैठकर गुनगुनी धूप में सेवईयां खाएंगे रात के अंधेरों में छुपकर आने वाला बता वापिस कब रवाना होगा तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । चंद कीड़ों को निकालने के लिए बीनने पड़ते हैं चावल सभी हमारे भात में कंकर बनने वालों सरहद पार तेरा ठीकाना होगा । तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । जो देश के रंग में रंग न सका तो रंगरेज़ कैसा धरा को मां कहने में इतना परहेज कैसा अब तो वंदे मातरम भी गाना होगा तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । जाने कितने भीतर तक अम्न को तुमने कुतरा है । भाईचारे की दरियादिली का नशा अब जाकर हमें भी उतरा है । देश को टुकड़ों में बांटने वालों को अब तो सबक सिखलाना होगा तुझे कागज़ तो दिखाना होगा । जब गुलिस्तां को उजाड़ रहे थे सफेद लिबास वाले भेड़िये नायाब तब हम मौन नहीं थे । अपने बच्चों को हमें ये बताना होगा तुझे कागज़ तो दिखाना होगा ।
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