Sunday, November 22, 2020

आसमान की छाती से
चिपके हुए चांद को
नोच कर उतार लूं 
कढ़ाई में डाल पिघला दूं
और रकाबी में उड़ेलकर 
उसी पिघले दूध से
तुम्हारा श्रृंगार कर दूं 
और टांक दूं सितारे
तुम्हारे गेसुओं की लटों में
तू बस एक बार मुस्कुराने
का वादा तो कर मेरी जान ।





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