भार या वज़न

भार न बनो
भार ढोया जाता है
बनना है तो वज़न बनो
क्योंकि वज़न उठाया जाता है
ढोने में मज़बूरी है
उठाने में ख़ुशी है
जो ढोया जाता है
वो गंतव्य तक पहुँच कर
पटक दिया जाता है ।
और जो उठाया जाता है
वो सलीके से
इज़्ज़त से रखा जाता है,
अब तय आपको करना है
मज़बूरी से ढोये जाओगे
या ख़ुशी ख़ुशी
लोगों के सर माथे रखे जाओगे ।
मनोज नायाब

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