Introduction

नमस्कार, साथियों ।  यह मेरा पहला अनुभव है ब्लॉग लिखने का, बहुत सी खामियां हो सकती है, हो सकती है नहीं बल्कि होगी ही जिनको मैं धीरे धीरे ठीक करने का प्रयास करता रहूँगा, इस पहली मुलाकात में कुछ ज्यादा तो नहीं कहूँगा बस इतना कहना चाहता हूँ की इस ब्लॉग के ज़रिये मैं अपनी कल्पनाएँ अपने अनुभव अनेक छुए अनछुए पहलुओं पर अपनी बेबाक और संजीदा राय,  मेरे लेख जो मैंने कभी रात रात को जागकर अकेले में लिखे थे,  कुछ कविता से मिलती जुलती चीज़ शायद कविता ही होगी और भी वो तमाम बातें  जो मेरे दिल के कैदखाने में बरसों से कैद है आपके साथ बांटना चाहता हूँ । विश्वास जताता हूँ की जी भी लिखूंगा सार्थक लिखूंगा और सबसे अहम बात इमानदारी से लिखूंगा ।           मुझे इस बात को स्वीकार करने में कोई गुरेज़ नहीं है की मैं अभी लेखन की पहली कक्षा का छात्र हूँ पर लिखूंगा तो सीखूंगा और सीखूंगा तो जरुर लिखूंगा जिस दिन लिखना सीख जाऊंगा उस दिन सीखना भी सीख जाऊंगा । आपका मशवरा सर आँखों पर सलाह देते रहियेगा ।  आज के लिए बस इतना ही जय श्री कृष्णा ।           मनोज नायाब
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