हज़ारों अंगवस्त्र
जो हमने पहनाए
बंदनवार लगा लगा कर
जो मंच सजाए
कितने स्वागत गीत
आपके लिए गाए
सैकड़ों बार मुख्य अतिथि
जो हमने बनाए
लाखों तालियां
जो हमने बजाई
सालों साल ताजपोशी
जो हमने कराई
स्वागत में आपके
जो कुर्सियां बिछाई
जब भी आपका दिल हुआ
शक्ति प्रदर्शन का
हमने आकर भीड़ जुटाई
उसका ये सिला दिया हुज़ूर ।
कुछ कमी रह गई थी तो बता देते,
हमारे परिश्रम का कुछ तो सिला देते ।
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