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Showing posts from August, 2024

#शिवसागर

हमारे  मुल्क के आप  पालनहार कहलाते हो  । कोई मार कर चला गया तुम गाल सहलाते हो । वो दे रहा था ज़हर तब तुम तमाशबीन बने थे पीने के बाद अब क्या  ढाढस बंधाने आते हो । उसने की खता और सज़ा पूरे शहर को क्यों  मुंसिफ होकर भी तुम किससे खौफ  खाते हो । तुम्हे चुना था काफिले का सरदार बड़े हौसले से लुटे जब भी काफिला तुम मौन क्यों हो जाते हो । मंनोज नायाब

देर से दफ्तर जाने लगा हूँ

बिना चिलमन के इस तरह मत आया कर । आ  ही गई हो  तो वक्त यूँ  मत ज़ाया कर । नशा उतरता नहीं है कई कई दिनों तक ज़ालिम मेरे सामने यूँ मत मुस्कुराया कर । मैं अक्सर देर से दफ्तर जाने लगा हूँ  तू सुबह सुबह सीने से मत लगाया कर । सुनता हूँ तो कलेजे में हुक सी उठती है यार तू नायाब  की ग़ज़लें मत गाया कर । कच्ची उम्र का नौजवान हूँ समझा करो यार ए हवा  उनका दुपट्टा मत सरकाया कर ।

हां हिन्दू हूँ

मैं हिन्दू हूँ  रील देखते देखते बोर हो जाता हूँ तो बीच बीच में सोफे पर बैठा बैठा  चाय की चुस्कियों के साथ  पड़ोसी मुल्क  के जलते मंदिरों इज़्ज़त लुटती स्त्रियों की खबर देखता रहता हूँ  और अफसोस ज़ाहिर कर देता हूँ फिर देखता हूँ बिगबॉस का नया एपिसोड,  अब छोड़ो भी यार  चिल करो ब्रो नायाब  तुम भी न बेकार ही  इन सब बातों पर सर खपाते हो  कुछ मीना ओ सागर  शराब और शबाब पर  यार सुनाओ कोई शेर  खालिस उर्दू में सरकार देख लेगी  ये सब  हमें क्या करना है  ये सब तो चलता रहता है  यही है हश्र  गहरी नींद में  सोई हुई सेक्युलर कौम का पहचान तो गए होंगें  मैं कौन हूँ जी हां सही पकड़े आत्ममुग्धता का  हिमालय हूँ अतिआत्मविश्वाश का सिंधु हूँ मैं मूर्खता  का  चरम  बिंदु  हूँ लुटता पिटता हिन्दू हूँ । हां हिन्दू हूँ  मैं हिन्दू हूँ । मनोज नायाब -:✍️