Sunday, July 28, 2024

हिसाब

मेरी टूटी हुई हर आस  का हिसाब  देना होगा

खाली बीते हर मधुमास का हिसाब देना होगा


दिल ए कब्रगाह में है अरमानों की लाशें 

हर उस लाश का हिसाब देना होगा ।


दिल की गहराईयों में धंसी हुई 

हर एक फांस का हिसाब देना होगा ।


तेरे मुस्कुराने भर से जो रुक गई थी 

तुझे हर उस सांस का हिसाब देना होगा ।


नायाब --




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