मां
1 . काला टीका रोज़ माथे पर लगाती थी
मां दुनिया की हर तोहमत से बचाती थी
जब भी कोई बुरी नज़र मेरे घर पर आती थी
मां को देखकर वो वहीं से लौट जाती थी ।
(अब महसूस कीजिये ममता के स्पर्श को )
2. माँ कन्हैया की कहानियां सुनाकर सुलाती थी
झीनी सी एक चादर ओढाती थी
सर पे प्यार से हाथ फिराती थी और
नींद आने के बाद माँ मेरा माथा चूमकर चली जाती थीं ।
जब भी कोई.....
3. आज कर्कश सी अलार्म से रोज़ उठना होता है मुझे
एक वो दिन भी थे जब मां राजकुंवर की तरह
सुबह सवेरे माथा चूमकर मुझे उठाती थी ।
**जब भी कोई बुरी नज़र मेरे घर पर आती थी
मां को देखकर वहीं से लौट जाती थी ।
4. बड़ा हो गया न मैं मां अब तो रो भी नहीं पाता हूँ
Tension इतनी की रात रात भर सो नहीं पाता हूँ ।
और inxiety के कारण नींद की गोलियां खाता हूं
अरे क्या ग़ज़ब की डॉक्टर थी मेरी माँ
बस थपकियाँ दे दे कर मिनटों में सुलाती थी ।
** जब भी कोई बुरी नज़र मेरे घर पर आती थी
मां को देखकर वहीं से लौट जाती थी ।
5. अब जो खाते है सोशल मीडिया पर रोज दिखाते हैं
किसी की नज़र न लगे इसलिए मेरी मां मुझे
दूध भी आँचल से ढककर पिलाती थी
** जब भी कोई बुरी नज़र मेरे घर पर आती थी
मां को देखकर वहीं से लौट जाती थी ।
6. तब न swigy न जोमाटो था
न चीज़ न ही सॉस टोमेटो था
सड़े हुए मैदे की मैगी भी नहीं घर पे आती थी
मां तो गर्मियों में दही के साथ रोटी खिलाती थी
उस वक्त पिज़्ज़ा और बर्गर तो नहीं थे मगर
सर्दियों में गोंद के मोटे मोटे लड्डू बनाती थी ।
जब भी कोई.....
7. घी तेल के कनस्तर भरे पड़े हैं मगर खा नहीं सकते
Blockage diabtiies bp
एक वो दौर था जब सबसे नज़रें बचाकर माँ
सबसे ज्यादा मेरी रोटियों पर घी लगाती थी ।
8. अब मोबाइल के बिना एक कौर गले नहीं उतरता है
एक कौर भैया का एक कौर दीदी का कहकर
मां पूरा का पूरा खाना खिलाती थी ।
जब भी कोई...
9. मां कम पढ़ी लिखी थी उसको गणित नहीं आती थी
4 रोटी खिलाकर मां मेरी 3 गिनवाती थी ।
**जब भी कोई बुरी नज़र मेरे घर पर आती थी
मां को देखकर वहीं से लौट जाती थी ।
10 ज़रा सा जुखाम भी हो जाता
तो तुलसी का काढा बनाती थी ।
जब पिताजी पीटने को दौड़ते थे तो
मां ही मुझे बचाती थी ।
परीक्षा देने जाता था तो
गुड़ और दही खिलाती थी
स्कूल के समय पेट दर्द का बहाना बनाता तो
सब जानते हुए भी माँ मान जाती थी ।
आज किसी से झगड़ा हुआ है माँ पता नहीं
कैसे जान जाती थी ।
11. माँ जैसी pain किलर तो किसी डॉक्टर के पास भी नहीं है
चोट लगने पर
चींटी मर गई कह कर
एक फूंक से सारा सारा दर्द भुलाती थी ।
जब भी कोई बुरी नज़र मेरे घर पर आती थी
मां को देखकर वो वहीं से लौट जाती थी ।
12. मां ने कभी कोई जॉब नहीं कि मगर फिर
भी जाने कहाँ से पैसे लाती थी
मुश्किल समय में बाबूजी के हाथ में बिन मांगे
पैसे थमाती थी ।
13. राखी तीज और पीहर से जो थोड़ी आमदनी जुटा लेती थी
पर मां उस को भी हम बच्चों की परवरिश में लुटाती थी
**जब भी कोई बुरी नज़र मेरे घर पर आती थी
मां को देखकर वहीं से लौट जाती थी ।
14. माँ तू नहीं होगी तो
देर से आने पर कौन टोकेगा
फिजूल खर्ची पर कौन रोकेगा
ये खा ले वो खा ले ये बना दूं वो बना दूं
अब कौन मेरे इतने नखरे उठाएगा
कौन गोद में सर रखकर मुझे सुलायेगा
मेरी सुबह कितनी खूबसूरत हो जाती थी
मां जब सुबह जोर जोर से भजन गाती थी
जब भी कोई बुरी नज़र....
जीवन की बगिया में मां बाप से बड़ा कोई माली नहीं होता
जाने कितनी भी तंगी हो मां का खजाना कभी खाली नहीं होता ।
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