papa
पापा आप दीर्घायु हो यही है मेरा अरमान
आपसे ही तो है ये छत ये दीवारें ये मकान।
मम्मी के श्रृंगार आप ही से सलामत है पापा ।
आप से ही है मम्मी के चेहरे की मुस्कान ।
पापा अब कभी खिलोने की ज़िद न करूंगी ।
न ही पिज़्ज़ा के लिए कभी करूंगी परेशान ।
दो सुखी रोटी खा लुंगी नहीं चाहिए पकवान ।
बस आप खुश रहो पापा यही है अरमान ।
जो मांगती हूँ वही ला देते हो आप पापा ।
घर के मंदिर के आप ही तो हो भगवान ।
जानती हूँ आप रात रात भर सो नहीं पाते
Emiके लिए बैंक वालों के रोज़ फ़ोन आते
घर का किराया स्कूल की फीस
कैसे दूंगा यही रहती है न टीस
हम सब मिलकर लड़ेंगे हर मुसीबत से पापा ।
कभी कम न होने देंगे आपका आत्म सम्मान ।
पापा आप के बिना तो अधूरी है हमारी दुनियां ।
बताओ आप के बिना कौन बुलाएगा मुझे मुनियाँ
आप ही तो पूरे घर परिवार का अभिमान ।
किसके पेट पर सोऊंगी किसको चिढ़ाऊंगी
कौन बुलाएगा मुझे कभी पागल कभी शैतान ।
जिन बच्चों के सर पे पिता का साया नहीं होता
उनका इस दुनियां में कोई सहारा नहीं होता ।
आप ही हमारी पूजा आप ही हमारे भगवान ।
सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
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