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Showing posts from December, 2023

बिना मतले कि ग़ज़ल

बच्चे अनाथ घूम रहे हैं यहां कुत्तों को पाला जा रहा है । अंधेरों की भर्ती हो रही और  उजालों को निकाला जा रहा है । तुम फिर से नई कसमें खाने लगे जबकि पुराने वादों को टाला जा रहा है । तुम पसीने से लथपथ यूं कि मानो चाँद को पानी में उबाला जा रहा है ।

मात्रा

जिऊँ अकेले कैसे अब मैं  कोई मुझको पास चाहिए सुख दुख अपने बांट सकूं में कोई ऐसा खास चाहिए । कृष्ण नाम का नीर मिलेगा पर राधा जैसी प्यास चाहिए । मिलती है संपदा, राम नाम की पर भीलनी जैसी आस चाहिए । गिरधर सा खज़ाना भी मिलता है, पर मीरा जैसी तलाश चाहिए । सिया राम भी मिल सकते हैं  पर हनुमत जैसा दास चाहिए । प्रीत के पंछी भी आएंगे  पर हृदय में भी तो मधुमास चाहिए इतना गाम्भीर्य ठीक नहीं जीवन में थोड़ा हास परिहास चाहिए ।

कोई मुझको पास चाहिए

जिऊँ अकेले कैसे अब मैं  कोई मुझको पास चाहिए सुख दुख अपने बांट सकूं में कोई ऐसा खास चाहिए । कृष्ण नाम का नीर मिलेगा पर राधा जैसी प्यास चाहिए । मिलती है संपदा, राम नाम की पर भीलनी जैसी आस चाहिए । गिरधर सा खज़ाना भी मिलता है, पर मीरा जैसी तलाश चाहिए । सिया राम भी मिल सकते हैं  पर हनुमत जैसा दास चाहिए । प्रीत के पंछी भी आएंगे  पर हृदय में भी तो मधुमास चाहिए इतना गाम्भीर्य ठीक नहीं जीवन में थोड़ा हास परिहास चाहिए ।

क्यों जला रहे हो

नफरतों की ढपली पर किसके  गीत गा  रहे हो । मज़हबी मवाद क्यो तुम सड़कों पर फैला रहे हो  । हिंदुस्तान तुम्हारे बाप का है  तो फिर क्यो जला रहे हो ।

बेटी का पहला जन्मदिन

मुबारक हो तुमको  यह पहला साल आज बताती हूँ कैसी हो एक लड़की की चाल धरती ने लगा लिया  आज पूरा एक चक्कर तुझे भी देनी है ए लड़की उस सूर्य को टक्कर  सुन प्यारी गुड़िया इस वंश की औलाद हो भले तुम कोमल हो  मगर इरादे फौलाद हो पलकों तले तुम भले  सपने हज़ार रखना सर उठा के जीना हो तो आंखों में अंगार रखना छोटा या बड़ा  कोई सा प्रकल्प हो दृढ़ मगर तुम्हारा  हर संकल्प हो नहीं टूटने पाए  स्वयं का आत्म सम्मान मगर कम न हो  कभी परिवार का मान