Saturday, September 30, 2023

पढ़

वेदना से पढ़ 
संवेदना से पढ़

मुस्कुराकर पढ़ 
खिलखिलाकर पढ़

नज़र से पढ़
नज़रिए से पढ़

प्यास में पढ़
भूख में पढ़

आकुलता में पढ़
व्याकुलता में पढ़

भय में पढ़
निर्भय हो कर पढ़

रोष में पढ़
आक्रोश में पढ़

जय में पढ़ 
पराजय में पढ़

तुलसी को पढ़
मीरा को पढ़

रसखान या 
कबीरा को पढ़

अकेलेपन में पढ़
भीड़ में पढ़

बाहर तूफ़ां हो तो
नीड़ में पढ़

विरह में पढ़
मिलन में पढ़

युद्ध में पढ़
शांति में पढ़

जब भी हृदह हो अधीर
तब कोई कविता पढ़ 

मनोज नायाब -:

No comments:

Post a Comment

Pls read and share your views on
manojnaayaab@gmail.com