हम है युवा
हम है युवा देश के युवा
हम बदलेंगें समाज
हमसे ही रोशन है साथी
अपना कल और आज
नायाब अपना कल और आज
एक नहीं 52 खाँपे है
हमसे दुश्मन भी कांपे है
हमसा नहीं हुआ कोई दानी
हम तो लोग बड़े अभिमानी
हम गिरतों को सहारा देंगे
जर्जर नावों को किनारा देंगे
शिक्षा का उजियारा देंगे
संस्कारों का नारा देंगे
दुनियां के आकाश में होगी
अब ऊंची परवाज़
आगे बढ़ता जाएगा
अपना प्यारा समाज
हम है युवा देश के युवा
हम बदलेंगे समाज
हमसे ही रोशन है साथी
अपना कल और आज
अपना कल और आज
चलो प्रेम का परचम लहराए
छोटे बड़े का भेद मिटाएं
न कभी किसी को कमी खलें
हम सब को लेकर साथ चलें
हम महेश की है संतानें
चलते अपना सीना ताने
कठों में विष हम घर लेते
नहीं किसी को पीड़ा देते
हर प्रतिभा को अवसर देंगे
हर हाथों को काम
लक्ष्य नहीं हासिल हो जब तक
नहीं करेंगे आराम
सबके घर में हो खुशहाली
करेंगे ऐसा काज
जन्म लिया है इस समाज में
हमको बड़ा है नाज़
हम है युवा देश के युवा हम बदलेंगे समाज
नायाब हम बदलेंगें समाज
हमसे ही रोशन है साथी अपना कल और आज
हमसे ही रोशन है साथी अपना कल और आज
अपना कल और आज अपना कल और आज
गीत रचयिता
मनोज नायाब
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