Monday, May 16, 2022

हम है युवा

 हम है युवा देश के युवा 
 हम बदलेंगें समाज
 हमसे ही रोशन है साथी 
 अपना कल और आज

एक नहीं 52 खाँपे है
हमसे दुश्मन भी कांपे है

हमसा नहीं हुआ कोई दानी
हम तो लोग बड़े अभिमानी

हम गिरतों को सहारा देंगे
जर्जर नावों को किनारा देंगे

शिक्षा का उजियारा देंगे
संस्कारों का नारा देंगे

दुनियां के आकाश में होगी
अब ऊंची परवाज़
आगे बढ़ता ही जाएगा 
अपना प्यारा समाज

हम है युवा देश के युवा 
हम बदलेंगे समाज
हमसे ही रोशन है साथी
अपना कल और आज

चलो प्रेम का परचम लहराए
छोटे बड़े का भेद मिटाएं

न कभी किसी को कमी खलें
हम सब को लेकर साथ चलें 

हम महेश की है संतानें
चलते अपना सीना ताने

कठों में विष हम घर लेते
नहीं किसी को पीड़ा देते

हर प्रतिभा को अवसर देंगे
हर हाथों को काम 
लक्ष्य नहीं हासिल हो जब तक
नहीं करेंगे आराम 

सबके घर में हो खुशहाली 
करेंगे ऐसा काज
जन्म लिया है इस समाज में
हमको बड़ा है नाज़

हम है युवा देश के युवा हम बदलेंगे समाज
हमसे ही रोशन है साथी अपना कल और आज

गीत रचयिता
मनोज नायाब











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