कोई गहना नहीं कि उतार कर रख दूँ
सांसे कभी दिल की बोझ नहीं होती
दिल कुछ कहना चाहता है सुन लो
क्योंकि ऐसी बातें रोज़ रोज़ नहीं होती
खुदा से पूछकर उतर आओ ज़मीं पर
न हो वजूद में उसकी खोज नहीं होती
माना समंदर की पहचान हो तुम लहरें
नायाब हवाएं न होती तो मौज नहीं होती
नायाब
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