शराब में क्या रखा है
ज़रा डूब कर देख किताबों में
शराब में क्या रखा है ।
रूह से रिश्ता होना चाहिए
शबाब में क्या रखा है
जाग कर ही हासिल होगा कुछ
ख्वाब में क्या रखा है ।
अंधेरा मिटाने को ज़हनियत चाहिए
आफताब में क्या रखा है ।
जैसी हो तुम्ही ठीक हो, शक्ल बदलते
महताब में क्या रखा है ।
सवालों का अपना ही मज़ा है
जवाब में क्या रखा है ।
ये रोशनी कहाँ से आई चांद नुमा, देखें
नकाब में क्या रखा है ।
तवज़्ज़ो उसके जज़्बात को दिया कर
नायाब में क्या रखा है ।
बहोत सुंदर रचना।
ReplyDeleteवाह।
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शुक्रिया rohitash ji
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