Posts

Showing posts from April, 2020

Bikaner

आखर शौर्य वीरता र तू पढ़        खड्यो शान स्यु म्हारो जूनागढ़ ।    भले जेब में पैसा कम होवे                   पर उत्तर देवं हाथ रो । स्वर्ग द्वार से कम नहीं म्हारो               मिन्दर लिखमी रे नाथ रो । जै कोई कोसे म्हारे शहर ने        करदया एक मिनट में राफड़ । जठै निपजे सांगरी और केर           बोल्टयाँ में लागे मीठा बेर । जठै रा मिनख है बब्बर शेर           एसो प्यारो म्हारो बीकानेर । आज भी गावे है संस्कृति री टेर      मन रा ऊजला कोई हेर न फेर । दियाळी रा दिया र होली री गेर कह " नायाब " सुनो थे सगला ।           एसो प्यारो म्हारो बीकानेर । मनोज " नायाब " बीकानेर स्थापना दिवस की बधाइयां ।

lock down 2

विपक्ष:-         कोरोना रूपी पूतना के गर्भ में ऐसे कई राक्षसी सवाल पल रहे हैं जिनके निवारण के लिए कोई कृष्ण नहीं आने वाला है ।            क्षण भर की कृत्रिम खुशी को जीवन का सत्य मान लेना भारी भूल होगी । जिस दिन आप घरों से निकलेंगे उस दिन...           आप की नौकरी छिन चुकी होंगी या आपका व्यवसाय भारी उलटफेर का शिकार हो घाटे में जा चुका होगा । फिर लंबे समय तक आपको रोज़गार की जदोजहद से लड़ना होगा । लेनदारों की कतार लग चुकी होगी ।          अर्थव्यवस्था औंधे मुंह और सरकारी ख़ज़ाना खाली हो चुका होगा ऐसे में सरकारें अपने कोषीय घाटे को पूरा करने के लिए कुछ समय बाद पुनः टैक्स के रूप में आप ही से वसूली करेगी । कमर टूट चुके मध्यम वर्ग की रीढ़ सीधी हो पाएगी ?           सभी विकास की योजनाएं कोष की कमी से बंद हो जाने से महत्वपूर्ण कार्य अधर में लटक जाएंगें ।      ...

lock down

पक्ष :-       लॉक डाउन एवं कोरोना को सीधे एवं सरल शब्दों में समझे तो नकलीपन और भौतिक सुखों को जीवन का मुख्य  आधार मानने की धारणा का अंत ।          # बड़े बड़े फिल्मस्टार असली हीरो नहीं बस मनोरंजक ही है असली हीरो जीवन प्रदान करने वाले चिकित्सक है ।            # अरबों रुपये खर्च कर बड़ी बड़ी योजनाओं से नदियां और पर्यावरण साफ नहीं होता बल्कि मनुष्य के हस्तक्षेप न करने से स्वतः ही हो जाता है ।            # प्रकृति से उतना ही लो जितनी आवश्यकता है तो ही प्रकृति आपके लिए वरदान है । अंधाधुन दोहन विनाश का कारण है ।             # ब्रांडेड कपड़े महंगी कारें फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेंट ये सभी क्षणिक सुख दे सकती है और झूठी शान मात्र है । असली आनंद परिवारजनों के साथ मिलजुलकर रहने और सात्विक भोजन में है ।             #  बूढ़े मा...

पलायन #palayan

तुमने छोड़ दिया निरीह सड़कों पर हमें कर के बेघर, हमने क्या नहीं किया तुम्हारी लौह कल कारखानों की निष्प्राण मशीनों को हमने लहू और पसीना देकर प्राणवान किया, तुम्हारे कारखाने सिर्फ बिजली से नहीं चलते थे इन मशीनों के दिल में हम अपनी धड़कनें निकालकर डालते थे तब ये गड़गड़ाती थी और इस बुरे वक्त में तुमने हमसे ही किनारा कर लिया तुम्हारे पास जब बड़े बड़े आर्डर आते थे तो जाने क्यो हम भी बहुत खुश होते थे और ताली बजाते थे रात रात की शिफ्ट करके अपनी नींद झोंक देते थे और तुमने हमें ही रातोरात बेघर कर दिया सड़कों पर छोड़ दिया भूख से मरने को हमें नहीं पता था इन मशीनो की तरह इनके आका भी  हृदय विहीन होते हैं । मनोज " नायाब "